Monday, 14 September 2015

Chennai Hindi

चेन्नई
चेन्नई को पहले मद्रास के नाम से जाना जाता था। यह भारत के सुदूर दक्षिण में स्थित राज्य तामिलनाडू की राजधानी है। कोरोमंडल तट पर बसा यह शहर एक प्रमुख मेट्रोपॉलिटन और कास्मोपॉलिटन सिटी है। व्यापार, संस्कृति, शिक्षा और अर्थव्यवस्था के नजरिए से यह दक्षिण भारत के साथ-साथ देश का एक महत्वपूर्ण शहर है। वास्तव में चेन्नई को दक्षिण भारत की सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर जाना जाता है।

मरीना समुद्र तट

मरीना समुद्र तट चेन्नई का एक खूबसूरत तट है। बंगाल की खाड़ी से बना यह समुद्री किनारा शहर के उत्तरी छोर पर बने सेंट जॉर्ज किले के साथ-साथ है। मरीना समुद्र तट की कुल लंबाई करीब 13 किमी है। यह भारत का सबसे बड़ा और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा समुद्री किनारा है।अपनी अनुपम सौंदर्य के कारण कभी मरीना समुद्र तट पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ करता था। हालांकि अब इसका पानी काफी प्रदुषित हो गया है। साथ ही पर्यटकों के गैरजिम्मेदाराना बर्ताव के कारण यह समुद्री किनारा काफी गंदा भी हो गया है।

बसंत नगर समुद्री तट
यह समुद्री तट चेन्नई के बसंत नगर ईलाके में है। यह उस स्थान से शुरू होता है जहां पर मरीना समुद्र तट खत्म होता है। समुद्र तट के पास कुछ प्रमुख आकर्षणों में अष्टलक्ष्मी मंदिर और वेलांकन्नी चर्च शामिल है। यहीं पर कार्ल शेमिड्ट का स्मारक भी है। कार्ल शेमिड्ट एक डच नाविक था, जो एक व्यक्ति की जान बचाने के लिए समुद्र में डूबगया था।
यह समुद्र तट स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों के बीच भी काफी लोकप्रिय है। खासकर युवाओं के बीच यह जगह समय बिताने के लिए काफी चर्चित है। सप्ताहांत के दौरान आप यहां कई स्कूल और कॉलेज के छात्रों को देख सकते हैं। तट के किनारे किनारे कई अच्छे रेस्टोरेंट होने के कारण यहां बड़ी संख्या में लोग परिवार के साथ समय बिताने के लिए आते हैं। साथ ही यह एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट भी है।



बिड़ला तारामंडल
चेन्नई का बिड़ला तारामंडल तामिलनाडू साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (टीएनएसटीसी) में स्थित है। यह गांधी मंडापम रोड पर पेरीयार साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर के परिसर में स्थित है। इसकी स्थापना 1988 में की गई थी। अगर आप बच्चों के साथ चेन्नई घूमने जा रहे हैं तो यहां जरूर जाएं। जब आप यहां ब्राह्मांड की काल्पनिक यात्रा पर जाएंगे तो यह मनोरंजक के साथ-साथ ज्ञानवर्धक भी होगा।

दक्षिणचित्र संग्रहालय
चेन्नई का दक्षिणचित्र एक रोचक संग्रहालय है। शहर में यह अपने तरह का एकमात्र म्यूजियम है जो ओपन एयर और रीयल टाइम म्यूजियम है। म्यूजियम होने के साथ-साथ दक्षिणचित्र चेन्नई का सांस्कृतिक केन्द्र भी है। इस म्यूजियम में दक्षिण भारत की झलक देखने को मिलती है। यहां आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, केरल और तामिलनाडू की कला, संगीत, नृत्य, शिल्प और जीवनशैली की झलक देखने को मिलती है। इसकी स्थापना 1996 में की गई थी और तब से यह पूरे विश्व के पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया है। अगर आप दक्षिण भारत के बारे में कुछ नहीं जानते हैं तो यह म्यूजियम आपकी समझ विकसित करने में कारगर साबित हो सकता है। पर्यटकों के हितों को देखते हुए दक्षिणचित्र में कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इनमें प्रदर्शनी, गाइडेड टूर, थीम आधारित डिनर, वर्कशॉप, फाल्क थियेटर और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं।

जगन्नाथ मंदिर
ओडीसा स्थित पुरी जाने वाले भगवान जगन्नाथ के श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए चेन्नई का जगन्नाथ मंदिर बनवाया गया था। ये मंदिर रेड्डी कुप्पम रोड पर स्थित है और यहां भगवान नगन्नाथ, देवी सुभ्रद्रा और भगवना बलराम की प्रतिमा रखी गई है। साथ ही इस मंदिर में भगवान योगनरसिम्हा की प्रतिमा भी स्थापित की गई है। वैसे तो भगवान जगन्नाथ इस मंदिर के मुख्य देवता है, पर यहां भगवान शिव, भगवान गणोश, देवी विमला और देवी गजालक्ष्मी की भी पूजा की जाती है। इस मंदिर को काले ग्रेनाइट और सफेद मार्बल से बनया गया है। कोशिश यह की गई है कि यह पुरी स्थित मूल मंदिर के जैसा ही दिखे।

एवेन्यू मॉल
चेन्नई स्थित एक्सप्रेस एवेन्यू मॉल एक शॉपिंग कॉमप्लेक्स है। इसका निर्माण एक्सप्रेस इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा किया गया है, जो कि इंडियन एक्सप्रेस का उपखंड है। वास्तव में इस मॉल को इंडियन एक्सप्रेस एस्टेट के हिस्से के तौर पर बनाया गया था। इस मॉल की सबसे बड़ी विशेषता गेमिंग आर्केड है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह दक्षिण भारत में सबसे बड़ा है।
मॉल कई अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के उत्पाद मिल जाएंगे। साथ ही यहां हमलेज के खिलौने के स्टोर भी है। इसके अलावा यहां बच्चों के लिए फन सिटी सेक्शन भी है। बच्चे यहां गेमिंग के साथ-साथ बंपर कार राइड का भी आनंद ले सकते हैं। इतना ही नहीं मॉल में स्थित पिज्जा हट और केएफसी में आप खाने का आनंद ले सकते हैं। साथ ही यहां एक फूड कोर्ट भी है जहां कई तरह के व्यंजन मिलते हैं।
इस मॉल में आठ स्क्रीन वाला मल्टीप्लेक्स सत्यम सिनेमा भी है।

फैशन स्ट्रीट
फैशन स्ट्रीट में एक लंबा सा लेन बना हुआ है, जिसके दोनों ओर दुनाकें लगी हुई हैं। यहां पर आपको कई तरह के उत्पाद काफी कम दाम पर मिल जाएंगे। यही वजह है कि स्कूली छात्र छात्राओं में यह जगह काफी लोकप्रिय है। यहां आप रेडीमेड कपड़ों के साथ-साथ फैब्रिक काफी कम दाम पर पा सकते हैं। हालांकि यहां मोलभाव करने से आप कभी भी कतराएं नहीं।
वैसे तो यहां की दुकानें सुबह 11 बजे ही खुल जाती है, पर दोपहर 2 बजे के बाद यहां गहमागहमी देखने को मिलती हैं। यहां की दुकानें रात 8 बजे तक खुली रहती हैं। साथ ही यहां की दुकानें सार्वजनिक छुट्टियों सहित हर दिन खुली रहती है।

कैसे पहुंचें


हवाई, रेल और सड़क मार्ग से चेन्नई आसानी से पहुंचा जा सकता है।

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कोच्चि
कोच्चि एक अनूठा पर्यटन स्थल है और अपने जीवनकाल में इसे एक बार अवश्य देखना चाहिए। यह शानदार शहर भारत का प्रमुख बंदरगाह शहर है और यह अपने शक्तिशाली अरब सागर के पानी पर इठलाता है। कोच्चि, जो पहले कोचीन के नाम से जाना जाता था केरल के एर्नाकुलम जिले के अंतर्गत आता है। कोच्चि का नाम मलयालम के शब्दकोचु अजहिके नाम पर पड़ा है जिसका अर्थ हैछोटी खाड़ी’, जो इस बंदरगाह शहर के लिए उपयुक्त है। इस शहर का वर्णन कई प्राचीन यात्रियों के लेखन में किया गया है क्योंकि यह हमेशा से ही विश्व के लोगों का पसंदीदा गंतव्य रहा है।कोच्चि में प्राचीन और नवीन का समृद्ध मिश्रण है जो विभिन्न लोगों की पसंद और आवश्यकता के अनुकूल है। आज भी यह शहर विश्व भर से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 
चोट्टानिकारा मंदिर
चोट्टानिकारा मंदिर, जहां चोट्टानिकारा भगवती की पूजा की जाती है, केरल के सबसे प्रख्यात मंदिरों में से एक है। माना जाता है कि सैंकड़ों लोग जो यहां आध्यात्मिक प्यास बुझाने एवं देवी की उपासना करने आते हैं, उन पर देवी भगवती का आर्शीवाद बरसता है। धार्मिक भावनाओं के अलावा, मंदिर एक तत्कालीन युग के वास्तु की नित् गवाही के रूप में खड़ा है। यहां मंदिर में भगवती के तीन रूपों की पूजा की जाती है। सुबह भगवती की सरस्वती के रूप में पूजा की जाती है, दोपहर को लक्ष्मी के रूप में और शाम को देवी दुर्गा के रूप में (सफेद, लाल और नीले रंग में क्रमशः लिपटी) पूजा की जाती है।
कोच्चि किला
कोच्चि किला कोच्चि शहर का एक हिस्सा है परंतु यह समुद्र के एक खंड के पार स्थित है। एक मज़बूत पुल कोच्चिकिले को बाकी की दुनिया से जोड़ता है। कोच्चि किले में संग्रहालय, महल, यहूदी उपासना गृह, हिंदू मंदिर, चर्च, ऐतिहासिक इमारतें, आर्ट गैलरी, पार्क, समुद्र तट, आयुर्वेदिक मसाज, रोड़ साइड कैफ़े और यादगार शॉपिंग उपलब्ध है। कोच्चि किले की अद्वितीयता इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में है जो इस क्षेत्र तथा आसपास की इमारतों में प्रतिबिंबित होती है। 
नौसेना समुद्री संग्रहालय
फोर्ट कोच्चि में स्थित भारतीय नौसेना समुद्री संग्रहालय भारतीय नौसेना के अंतर्गत आता है। संग्रहालय भारतीय नौ सेना की समुद्र शक्ति प्रदर्शित करता है। यह संग्रहालय सेना के गौरवशाली अतीत और आशाजनक भविष्य के बारे में जानने के लिए आदर्श स्थान है।
समुद्री संग्रहालय की सैर आपको भारतीय नौसेना की उस भूमिका को समझने में मदद करेगी जो भारतीय नौसेना ने 1965 और 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में निभाई थी।

सांता क्रूज़ कैथेड्रल
सांता क्रूज़ कैथेड्रल बेसिलिका कोच्चि आने वाले किसी भी पर्यटक के यात्रा कार्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। यह कैथेड्रल फोर्ट कोच्चि में स्थित है और भारत के प्रथम चर्च में से एक है। इसका स्था देश के मौजूदा आठ बेसीलिकाओं में है। यह गिरिजाघर शैली, स्थापत्य कला और भव्यता का शानदार संयोजन है। यह शहर की उन इमारतों में से एक है जो गॉथिक प्रभाव को प्रदर्शित करती है। इस इमारत में भित्ति चित्र और कैनवास पेंटिंग हैं जो ईसामसीह के जन्म और मृत्यु की कहानी बताते हैं। इस चर्च में अंतिम सपर की प्रतिकृति है जो चर्च का प्रमुख पर्यटन आकर्षण है।
सेंट फ्रांसिस चर्च
सेंट फ्रांसिस चर्च भारत का पहला यूरोपियन चर्च है जिसका निर्माण 1503 में किया गया। कई हमलों और अनगिनत समझौतों के साक्षी इस चर्च को कोच्चि के सांस्कृतिक इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह चर्चकोच्चि किले के बाजू में स्थित है। इस चर्च के साथ एक बहुत महत्वपूर्ण रोचक तथ्य यह जुड़ा हुआ है कि यह महान पुर्तगाली नाविक वास्को दा गामा से जुड़ा हुआ है। 
वेलिंग्टन द्वीप
वेलिंग्टन द्वीप उन क्षेत्रों में से एक है जो कोच्चि शहर के अधीन आते हैं। आज द्वीप जिस स्थान पर स्थित है वह कोच्चि झील के एक भाग से पुनर्निर्मित किया गया है। इस द्वीप को बनाने के लिए कई प्रयास किये गए क्योंकि झील को खोदी गई मिट्टी से भरना पड़ा। यह द्वीप कोच्चि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कोच्चि के बंदरगाह का प्रमुख स्थल है।
कैसे पहुंचें कोच्चि
कोच्चि देश के अन्य भागों और दुनिया से हवाई मार्ग, रेल और रास्ते द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आपको अपनी टिकिट अग्रिम में ही आरक्षित करवानी होगी क्योंकि कोच्चि पूरे वर्ष पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र रहता है।