कोच्चि
कोच्चि एक अनूठा पर्यटन स्थल है और अपने जीवनकाल में इसे एक बार अवश्य देखना चाहिए। यह शानदार शहर भारत का प्रमुख बंदरगाह शहर है और यह अपने शक्तिशाली अरब सागर के पानी पर इठलाता है। कोच्चि, जो पहले कोचीन के नाम से जाना जाता था केरल के एर्नाकुलम जिले के अंतर्गत आता है। कोच्चि का नाम मलयालम के शब्द ‘ कोचु अजहि’ के नाम पर पड़ा है जिसका अर्थ है ‘छोटी खाड़ी’, जो इस बंदरगाह शहर के लिए उपयुक्त है। इस शहर का वर्णन कई प्राचीन यात्रियों के लेखन में किया गया है क्योंकि यह हमेशा से ही विश्व के लोगों का पसंदीदा गंतव्य रहा है।कोच्चि में प्राचीन और नवीन का समृद्ध मिश्रण है जो विभिन्न लोगों की पसंद और आवश्यकता के अनुकूल है। आज भी यह शहर विश्व भर से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
चोट्टानिकारा मंदिर
चोट्टानिकारा मंदिर, जहां चोट्टानिकारा भगवती की पूजा की जाती है, केरल के सबसे प्रख्यात मंदिरों में से एक है। माना जाता है कि सैंकड़ों लोग जो यहां आध्यात्मिक प्यास बुझाने एवं देवी की उपासना करने आते हैं, उन पर देवी भगवती का आर्शीवाद बरसता है। धार्मिक भावनाओं के अलावा, मंदिर एक तत्कालीन युग के वास्तु की नित्य गवाही के रूप में खड़ा है। यहां मंदिर में भगवती के तीन रूपों की पूजा की जाती है। सुबह भगवती की सरस्वती के रूप में पूजा की जाती है, दोपहर को लक्ष्मी के रूप में और शाम को देवी दुर्गा के रूप में (सफेद, लाल और नीले रंग में क्रमशः लिपटी) पूजा की जाती है।
कोच्चि किला
कोच्चि किला कोच्चि शहर का एक हिस्सा है परंतु यह समुद्र के एक खंड के पार स्थित है। एक मज़बूत पुल कोच्चिकिले को बाकी की दुनिया से जोड़ता है। कोच्चि किले में संग्रहालय, महल, यहूदी उपासना गृह, हिंदू मंदिर, चर्च, ऐतिहासिक इमारतें, आर्ट गैलरी, पार्क, समुद्र तट, आयुर्वेदिक मसाज, रोड़ साइड कैफ़े और यादगार शॉपिंग उपलब्ध है। कोच्चि किले की अद्वितीयता इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में है जो इस क्षेत्र तथा आसपास की इमारतों में प्रतिबिंबित होती है।
नौसेना समुद्री संग्रहालय
फोर्ट कोच्चि में स्थित भारतीय नौसेना समुद्री संग्रहालय भारतीय नौसेना के अंतर्गत आता है। संग्रहालय भारतीय नौ सेना की समुद्र शक्ति प्रदर्शित करता है। यह संग्रहालय सेना के गौरवशाली अतीत और आशाजनक भविष्य के बारे में जानने के लिए आदर्श स्थान है।
समुद्री संग्रहालय की सैर आपको भारतीय नौसेना की उस भूमिका को समझने में मदद करेगी जो भारतीय नौसेना ने 1965 और 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में निभाई थी।
सांता क्रूज़ कैथेड्रल
सांता क्रूज़ कैथेड्रल बेसिलिका कोच्चि आने वाले किसी भी पर्यटक के यात्रा कार्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। यह कैथेड्रल फोर्ट कोच्चि में स्थित है और भारत के प्रथम चर्च में से एक है। इसका स्था देश के मौजूदा आठ बेसीलिकाओं में है। यह गिरिजाघर शैली, स्थापत्य कला और भव्यता का शानदार संयोजन है। यह शहर की उन इमारतों में से एक है जो गॉथिक प्रभाव को प्रदर्शित करती है। इस इमारत में भित्ति चित्र और कैनवास पेंटिंग हैं जो ईसामसीह के जन्म और मृत्यु की कहानी बताते हैं। इस चर्च में अंतिम सपर की प्रतिकृति है जो चर्च का प्रमुख पर्यटन आकर्षण है।
सेंट फ्रांसिस चर्च
सेंट फ्रांसिस चर्च भारत का पहला यूरोपियन चर्च है जिसका निर्माण 1503 में किया गया। कई हमलों और अनगिनत समझौतों के साक्षी इस चर्च को कोच्चि के सांस्कृतिक इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह चर्चकोच्चि किले के बाजू में स्थित है। इस चर्च के साथ एक बहुत महत्वपूर्ण रोचक तथ्य यह जुड़ा हुआ है कि यह महान पुर्तगाली नाविक वास्को दा गामा से जुड़ा हुआ है।
वेलिंग्टन द्वीप
वेलिंग्टन द्वीप उन क्षेत्रों में से एक है जो कोच्चि शहर के अधीन आते हैं। आज द्वीप जिस स्थान पर स्थित है वह कोच्चि झील के एक भाग से पुनर्निर्मित किया गया है। इस द्वीप को बनाने के लिए कई प्रयास किये गए क्योंकि झील को खोदी गई मिट्टी से भरना पड़ा। यह द्वीप कोच्चि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कोच्चि के बंदरगाह का प्रमुख स्थल है।
कैसे पहुंचें कोच्चि
कोच्चि देश के अन्य भागों और दुनिया से हवाई मार्ग, रेल और रास्ते द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आपको अपनी टिकिट अग्रिम में ही आरक्षित करवानी होगी क्योंकि कोच्चि पूरे वर्ष पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र रहता है।
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