वन्यजीव पर्यटन और भारत में इसकी संभावनाएँ
1. वन्यजीव पर्यटन क्या है?
वन्यजीव पर्यटन (Wildlife Tourism) पर्यटन की वह शाखा है जिसमें पर्यटक प्राकृतिक क्षेत्रों में जाकर वन्यजीवों, पक्षियों और उनके आवासों को देखने और अनुभव करने आते हैं। यह प्रकृति-आधारित पर्यटन है और इसे अक्सर पर्यावरण पर्यटन (Eco-tourism) तथा सतत पर्यटन (Sustainable Tourism) से जोड़ा जाता है।
मुख्य गतिविधियाँ:
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जंगल सफारी (जीप, हाथी, नाव आदि)।
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पक्षी अवलोकन।
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ट्रैकिंग और नेचर ट्रेल्स।
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वन्यजीव फोटोग्राफी।
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समुद्री पर्यटन – डॉल्फिन/व्हेल देखना, कोरल रीफ पर्यटन।
2. भारत में वन्यजीव पर्यटन की संभावनाएँ
(क) जैव विविधता की समृद्धि
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भारत विश्व के 17 मेगा-बायोडायवर्स देशों में शामिल है।
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यहाँ 4 वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट हैं – हिमालय, इंडो-बर्मा, इंडो-मलायन (अंडमान-निकोबार) और वेस्टर्न घाट।
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भारत में:
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100+ राष्ट्रीय उद्यान
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500+ वन्यजीव अभयारण्य
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50 टाइगर रिज़र्व
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18 बायोस्फीयर रिज़र्व हैं।
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(ख) प्रमुख वन्यजीव आकर्षण
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बाघ पर्यटन – जिम कॉर्बेट, रणथंभौर, बांधवगढ़, सुंदरबन।
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हाथी और गैंडा पर्यटन – काजीरंगा (असम), पेरियार (केरल)।
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पक्षी अभयारण्य – केवलादेव (भरतपुर), चिल्का झील।
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हिमालयी जीव-जंतु – हिम तेंदुआ (हिमिस राष्ट्रीय उद्यान, लद्दाख), कस्तूरी मृग।
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समुद्री वन्यजीव – गल्फ ऑफ मन्नार, अंडमान व निकोबार द्वीप।
(ग) आर्थिक व सामाजिक महत्व
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विदेशी पर्यटकों से विदेशी मुद्रा अर्जन।
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रोजगार के अवसर – गाइड, ड्राइवर, ईको-लॉज, होम-स्टे।
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स्थानीय समुदायों को हस्तशिल्प और सांस्कृतिक पर्यटन से लाभ।
3. वन्यजीव पर्यटन में राष्ट्रीय उद्यानों का महत्व
राष्ट्रीय उद्यान भारत में वन्यजीव पर्यटन की रीढ़ हैं।
(क) जैव विविधता का संरक्षण
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राष्ट्रीय उद्यान विलुप्तप्राय प्रजातियों जैसे बंगाल टाइगर, एशियाई शेर, एक सींग वाला गैंडा, हिम तेंदुआ को संरक्षित करते हैं।
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जंगल, आर्द्रभूमि, घासभूमि और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा करते हैं।
(ख) पर्यटन आकर्षण
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राष्ट्रीय उद्यान देश-विदेश के पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण हैं।
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जिम कॉर्बेट (भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान, 1936),
काजीरंगा (UNESCO साइट),
गिर (एशियाई शेर का एकमात्र घर) – विश्व स्तर पर प्रसिद्ध हैं।
(ग) शिक्षा और जागरूकता
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पर्यटकों व छात्रों को प्रकृति, पर्यावरण और संरक्षण के बारे में जागरूक करते हैं।
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शोध और अध्ययन पर्यटन के केंद्र होते हैं।
(घ) आर्थिक महत्व
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प्रवेश शुल्क, सफारी और इको-लॉज के जरिए राजस्व उत्पन्न करते हैं।
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स्थानीय लोगों को रोजगार और बाज़ार उपलब्ध कराते हैं।
(ङ) वैश्विक मान्यता
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भारत के कई राष्ट्रीय उद्यान यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं (काजीरंगा, मानस, नंदा देवी, ग्रेट हिमालयन NP, सुंदरबन)।
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ये भारत की छवि को एक विश्व स्तरीय वन्यजीव पर्यटन गंतव्य के रूप में मजबूत करते हैं।
4. चुनौतियाँ
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मानव-वन्यजीव संघर्ष।
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लोकप्रिय उद्यानों में भीड़ (जैसे रणथंभौर, जिम कॉर्बेट)।
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प्रशिक्षित गाइड की कमी।
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अनियंत्रित पर्यटन से आवासीय क्षेत्र का नुकसान।
5. निष्कर्ष
भारत में वन्यजीव पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं। राष्ट्रीय उद्यान न केवल जैव विविधता की रक्षा करते हैं बल्कि पर्यटन आकर्षण, शिक्षा, राजस्व और स्थानीय विकास के भी केंद्र हैं। यदि इसे सतत रूप से विकसित किया जाए तो भारत विश्व का अग्रणी इको-टूरिज्म गंतव्य बन सकता है और साथ ही पर्यावरण संरक्षण व स्थानीय समुदायों के उत्थान को भी बढ़ावा मिलेगा
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